


50 वर्षों के पारिवारिक संबंध, कई सालों का राजनीतिक सफर और फिर एक छोटा सा मतभेद- आखिरकार मध्य प्रदेश कांग्रेस के दो महारथियों के बीच पनपा विवाद समाप्त हो गया। दिग्विजय सिंह और कमलनाथ अब फिर से एक हो गए हैं। दोनों के बीच समझौता हुआ और निष्कर्ष निकला कि यह मनभेद नहीं बल्कि मतभेद थे। इस खुशखबरी के साथ नई पारी की शरुआत के लिए दिग्गज नेता ने शुक्रवार को महाकाल की शरण में पहुंचे और उनका आशीर्वाद लिया। इस दौरान उन्होंने नंदी हॉल में बैठकर ध्यान और आराधना की। यह यात्रा न केवल धार्मिक, बल्कि राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण रही, क्योंकि दिग्विजय सिंह किसान न्याय यात्रा में हिस्सा लेने के लिए उज्जैन पहुंचे थे। उनके साथ कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता, जैसे सचिन पायलट और जीतू पटवारी, भी इस यात्रा में शामिल होने वाले हैं।
बाबा महाकाल के दर्शन और ध्यान
दिग्विजय सिंह ने उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर में विधिवत पूजा-अर्चना की। नंदी हॉल में बैठकर उन्होंने भगवान शिव की आराधना की और ध्यान लगाया। दिग्विजय सिंह का यह दौरा उनकी आध्यात्मिक आस्था को दर्शाता है, जो उनके राजनीतिक जीवन का भी एक हिस्सा रहा है।
किसान न्याय यात्रा में भागीदारी
दिग्विजय सिंह किसान न्याय यात्रा में हिस्सा लेंगे, जिसमें कांग्रेस के कई प्रमुख नेता शामिल होंगे। इस यात्रा का उद्देश्य किसानों के मुद्दों को उठाना और उनकी समस्याओं के समाधान की मांग करना है। सचिन पायलट और जीतू पटवारी जैसे नेताओं की मौजूदगी इस यात्रा को और महत्वपूर्ण बनाती है। यह आयोजन कांग्रेस की ओर से मध्य प्रदेश में अपनी स्थिति मजबूत करने का प्रयास माना जा रहा है।